आत्मा के पुष्प के समान सुंदरता की झलक …
पॉल ब्रंटन अपनी पीढ़ी के गिने-चुने लोगों में से थे, जिन्होंने पूरे भारत और तिब्बत में उस समय विस्तृत यात्राएँ कीं, जब बहुत कम लोग ऐसी अंतर्द़ृष्टि और विवेक के साथ ऐसा कर रहे थे। उनका पत्रकार के रूप में कौशल, हिमालय के हिमाच्छादित पर्वत शिखरों और प्राकृतिक द़ृश्यों के भव्य विवरण प्रस्तुत करता है, परंतु अपनी यात्राओं के दौरान मिले महापुरुषों से उन्होंने जो सीखा, उसने उन्हें पूर्व के महान व्याख्याकारों में से एक में रूपांतरित कर दिया।
वे इस अद्भुत क्लासिक में बताते हैं कि हमें इस ‘तूफानरूपी जगत में शांति के नखलिस्तान’ की तरह होना चाहिए। भले ही हम किसी भी युग में क्यों न जी रहे हों, अपने रोज़मर्रा के जीवन से कुछ समय के लिए एकांतवास करना हमारी दुर्बलता नहीं बल्कि शक्ति है। यदि हम अपने भीतर छिपे गहरे मौन को पाने का कष्ट उठा सके तो हम स्वयं को उस अनंत शक्ति, विवेक तथा कल्याण से जोड़ने का लाभ पा सकेंगे।
‘हिमालय में एक तपस्वी’, एक यात्रा वृत्तांत तथा गहन आध्यात्मिक अनुभव का अद्भुत मिश्रण है। जब हम विस्तृत हिमालय श्रेणियों से लेकर तिब्बत में कैलाश पर्वत तक की यात्रा में लेखक के सहयात्री बनते हैं तो वे हमें एक उल्लेखनीय और शाश्वत आंतरिक पथ भी दिखाते हैं, जो हमें हमारे समकालीन संसार के उतार-चढ़ावों का सामना करने में सहायक होगा।
Reviews
There are no reviews yet.